शुक्रवार, 5 सितंबर 2008

बिहार की त्रासदी

बिहार में आयी बाढ़ एक लंबे समय तक याद रखी जाने वाली मानवीय भूल का तमाचा है जिस का भुगतान आम जन को करना पड़ रहा है । समय रहते इस पर ध्यान दिया जाता तो इसे टाला जा सकता था । परन्तु सबक सीखना हम भारतीयों की मानसिकता में ही नही है । ये तय है की भाषण बाजी करके अपने अपने राजनितिक स्वार्थो के हित पुरे करने के अतिरिक्त और कुछ भी नही किया जाएगा । हम सभी को जागने के साथ अपने अधिकारों को समझ कर कर्तव्यों का भी निर्वाह करना होगा जिसमे सही व्यक्ति का चयन करने की समझ विकसित करना अनिवार्य होगा ।

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